5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT पारद शिवलिंग कैसे बनता है EXPLAINED

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग कैसे बनता है Explained

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग कैसे बनता है Explained

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सिध्यन्ति नात्रा संदेह रसराज प्रसादतः ।।    (रसार्णव तंत्र)

It is recommended by our sages to adore and worship Parad Shivling, this direct them to generally be infused with remarkable valour, invincibility, introducing to their fame and popularity far and huge-spreading Just about around the whole environment. It is best advisable for Peace, prosperity and contentment.

अगर आप भी जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।

वैसे तो पारद शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाया जाता है।  लेकिन कुछ लोगो की बड़ी इच्छा होती है कि कम से कम एक बार तो इस पर जल चढ़ा दे।  तो आप एक बात ध्यान रखे कि जैसे ही आप जल चढ़ा दे तो इसे तुरंत ही सूखे कपडे से साफ़ कर दे।  क्यों कि पारद शिवलिंग सिर्फ दर्शनीय होता है इसे  किसी भी तरह का जल नहीं चढ़ाया जाता है।   

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अपने जीवन में कामयाबी पाने के लिए आपको इस शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

शिव के निराकार स्वरूप का न प्रारंभ है और न ही कोई अंत. इसे शक्ति का भंडार कहा जाता है, इसलिए शास्त्रों में शिवलिंग की पूजा को अधिक कल्याणकारी और click here मोक्षदायी बताया गया है. कुछ लोग शिवलिंग की पूजा मंदिर में जाकर करते हैं, वहीं कुछ लोग घर पर ही शिवलिंग रखते हैं.

वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में प्रत्येक महायुग के पश्चात समस्त संसार इसी शिवलिंग में मिल जाता है और फिर संसार इसी शिवलिंग से सृजन होता है। फिर, जब नया सृजन होता है, तो यह शिवलिंग ही नए ब्रह्मांड का आधार बनता है। इसीलिए शिवलिंग को संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। 

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पुत्रार्थी शर्करायास्तु रसेनार्चेतिछवं तथा।।

यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा ना करवाएं। लेकिन इसकी पूजा और अभिषेक जरूर करना चाहिए।

जवरप्रकोपशांत्यर्थम् जलधारा शिवप्रिया।।

- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

क्या शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाना चाहिए? – शिवलिंग पर अर्पित किया गया हर प्रसाद चण्डेश्वर का एक भाग है और इस तरह से इस प्रसाद को ग्रहण का अर्थ है भूत प्रेतों के अंश को ग्रहण कर लेना। ध्यान रहे कि केवल पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए।

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